बचपन से लेकर बुढ़ापे तक एक बात की सीख हमें हर अपना देता है " अजनबियों से बच के रहना" " अजनबियों से दूरी बना के रखनी चाहिए" " अजनबी पर भरोसा नहीं करते " पर कभी गौर करेंगे आपकी पूरी जिंदगी इन्ही अजनबियों के दम पर चलती है . आप कुछ भी करने निकलते है तो उन असंख्य अजनबियों के भरोसे ही निकलते है . कोई व्यापर करने निकले हो या कोई पुस्तक लिख उसे प्रकाशित करने या किसी चुनाव को जितने या कोई नया व्यक्तिगत या व्यापारिक रिश्ता बनाने...ये सब आप करने ही निकलते है इस भरोसे से की कुछ अजनबी है जो आपके सामान को पसंद करेंगे , आपकी लिखी रचना पसंद करेंगे , आपकी राजनीती सोच का समर्थन करेंगे , ये सारे अजनबी आपके जीवन के भिन्न आयामों में घुले मिले है शर्बत में शक्कर की तरह .. विश्वाश करे ऐसे मौके पर कई बार क्या ज्यादातर आपके करीबी दोस्त दुआ दे कर निकल जाएंगे , कुछ दूर वाले दोस्त आपको देख रास्ता बदल लेंगे , रिश्तेदार अगर बस में हुआ तो निचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते ....पर हां जब आप इन अजनबियों के दम पर एक मुकाम हासिल करते है तो उस जीत की मिठाई सिर्फ आपके तथाकथित अपने ही खाते है ...
#आज_यूही
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