मच्छर और पूर्णिमा के चाँद का बहुत गहरा रिश्ता है , बिल्कुल इश्क़ / प्यार जैसा ही , उस वक्त मच्छर के काटने की गतिविधि पांच सौ गुना ज्यादा बढ़ जाती है , तो जरा बच के
मच्छरों की भी कही पूजा होती ही होगी
सिर्फ मादा मच्छर ही काटती है.........याद है न जीव विज्ञान ..
स्मार्ट सिटी में मच्छर का प्रवेश नही होगा न ..
सत्यानाशी मच्छर विश्व को जीका, डेंगू , मलेरिया और न जाने कितने रूप धर कर जब देखो धमकाता रहता है .
अगर मच्छर , खून की जगह मोटापे यानि फैट को चूसते तो 😇
मादा मच्छर एक बार में ३०० अंडे देती है और मरने के पहले करीब तीन बार अंडे देती है
मच्छर सामान्य तौर पर २५ फ़ीट तक ही उड़ते है , पर कुछ अपवाद में मच्छर ८००० फ़ीट ऊपर हिमालय पर भी मिले है ...जरूर वे भी हिमालय को फतह करने गए होंगे और फिर वही घर भी बना लिया
मच्छरों की भी कही पूजा होती ही होगी
सिर्फ मादा मच्छर ही काटती है.........याद है न जीव विज्ञान ..
स्मार्ट सिटी में मच्छर का प्रवेश नही होगा न ..
सत्यानाशी मच्छर विश्व को जीका, डेंगू , मलेरिया और न जाने कितने रूप धर कर जब देखो धमकाता रहता है .
अगर मच्छर , खून की जगह मोटापे यानि फैट को चूसते तो 😇
मादा मच्छर एक बार में ३०० अंडे देती है और मरने के पहले करीब तीन बार अंडे देती है
मच्छर सामान्य तौर पर २५ फ़ीट तक ही उड़ते है , पर कुछ अपवाद में मच्छर ८००० फ़ीट ऊपर हिमालय पर भी मिले है ...जरूर वे भी हिमालय को फतह करने गए होंगे और फिर वही घर भी बना लिया
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